जयपुर। तीसरी लहर की आशंका के बीच राजस्थान में लगातार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है, ताकि इससे निपटने में किसी तरह की परेशानी न हो। इसी कड़ी में 282 करोड़ से एनआईसीयू, पीआईसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन प्लांट कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना महामारी की भयावह चुनौती को अवसर में बदलते हुए प्रदेश में व्यापक स्तर पर उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित की हैं। राजधानी से लेकर गांव-ढाणी तक मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो अब राजस्थान उसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। गहलोत रविवार को राज्य में चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा संस्थानों में एनआईसीयू, पीआईसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन जनरेशन एवं लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने करीब 231.66 करोड़ रूपए की लागत के कार्यों का लोकार्पण एवं लगभग 50.61 करोड़ रूपए की लागत के कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। यूके, रूस सहित दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना से हालात फिर गंभीर हो गए हैं। कई राज्यों में भी केस बढ़ने लगे हैं। ऎसे में, सजगता और सतर्कता बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली और दूसरी लहर में कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन कर लोगों का जीवन बचाया है। हमारे प्रयासों की देश और दुनिया में सराहना हो रही है। हमारी सरकार ने तीसरी लहर से मुकाबले के लिए टेस्टिंग सुविधाओं को बढ़ाने, वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग सुविधा प्रारंभ करने, ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने, आईसीयू बैड्स बढ़ाने सहित तमाम आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है।