विधायक विजयपाल मिर्धा जैसे दोस्त साथ रहे, वरना ये लोग मेरी सरकार गिरा देते: CM अशोक गहलोत


नागौर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दर्द एक बार फिर छलक गया. नागौर के डेगाना विधानसभा क्षेत्र के निम्बोला बिश्वां में शुक्रवार को आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि विजयपाल मिर्धा जैसे दोस्त उस वक्त साथ रहे, वरना ये लोग (भाजपा) मेरी सरकार गिरा देते. इन लोगों ने सरकार को गिराने के लिए छापे डलवाए, मेरे परिवार पर छापे डाले.

सीएम गहलोत ने युवा विधायक विजयपाल की आगे तारीफ करते हुए कहा कि विजयपाल मिर्धा जैसे दोस्त 34 दिन तक मेरे साथ रहे, तब जाकर सरकार बची. इस दौरान मौके पर विजयपाल मिर्धा समर्थकों में भारी उत्साह भी देखने को मिला. 

करीब 23 मिनट के भाषण में सीएम गहलोत ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने गांव के व्यक्ति का काम गांव में करने के लिए प्रशासन गांवों के संग अभियान चलाया है और मैं पहली बार आपके यहां आयोजित शिविर में आया हूं और यह अच्छी बात यह है कि मेरी डेगाना से बोवणी अच्छी हो गई.

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हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, जिला प्रभारी हरीश चौधरी की मौजूदगी के बावजूद जिले के 6 कांग्रेसी विधायकों में से 5 विधायकों नदारद रहना यहां चर्चा का विषय रहा. लेकिन एक बार फिर इस मौके पर विजयपाल मिर्धा ने स्थानीय स्तर पर सीएम के पूरे कार्यक्रम को संभाला और कार्यक्रम को सफल बनाया.

लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, जायल विधायक मंजू मेघवाल, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया और नावां विधायक महेंद्र चौधरी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.
हालांकि जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत ने बताया कि अधिकतर विधायकों को उप चुनाव प्रचार की ड्यूटी में लगा रखा है. कुछ विधायक जयपुर मीटिंग्स में थे. इसके अलावा किसी विधायक को CMO और पार्टी स्तर से भी कार्यक्रम में नहीं बुलवाकर अपने-अपने क्षेत्र में आयोजित शिविरों में जनता को लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे. उधर स्थानीय डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा ने भी सरकारी कार्यक्रम के चलते अपने स्तर पर किसी को नहीं बुलवाया था. जिससे ऐसा हुआा.