कैमरे के सामने DM साहब को ओवर एक्टिंग पड़ी भारी, कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर आपा खोने वाले शैलेश कुमार यादव सस्पेंड


त्रिपुरा। आप किसी ऐसे जिम्मेदार पद पर हैं, जहां आप से शालीनता के साथ में सभ्य तरीके से कानून व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था के संचालन की उम्मीद की जाती है। बावजूद इसके आप कैमरे की चकाचौंध देखकर इस तरह से आपा खो देते हैं कि जो सामने आता है उसी को थप्पड़ जड़ते है। उम्र का लिहाज किए बिना बुजुर्गों को धमकाते हैं, पंडित को बिना बात के थप्पड़ मार देते हैं, स्टाफ आपकी शह पर चाहे जिसको लातें और लट्ठ मारता है। धक्का मारते हैं और अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाते हुए, अपना रुतबा दिखाते हुए, आदेशों की कॉपियां फाड़ देते हैं. और तो भूखे बच्चे और बुजुर्ग जब शादी में खाना खा रहे होते हैं तो उनके मुंह से अन्न का दाना लट्ठ मार मार कर निकलवा देते हैं, खाने की टेबल से शादी में आए मेहमानों को ऐसे पीटते और धमकाते हैं जैसे कि वह कोई पेशेवर गुंडे या बदमाश हो।

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कुछ ऐसा ही नजारा अपने में समेटे हुए एक वीडियो वायरल होता है जो किसी फिल्म का सीन नहीं लेकिन फिल्मी टाइप ओरिजिनल सीन था जिसे पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव ने मानो जानबूझकर फिल्माया हो ताकि वो मीडिया में छा जाएं लेकिन इसके चक्कर में वो अपना इतना आपा खो बैठे की उनकी जगत हंसाई हुई, उनकी देशभर में आलोचना हुई सो अलग बल्कि खुद ही इस कृत्य के चक्कर में सस्पेंड हो बैठे। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल की पालना करना सबका धर्म है। और नियमों की पालना करना सब का कर्तव्य भी। लेकिन जिस तरह का व्यवहार जिलाधीश ने मौके पर समारोह में किया, वह किसी बड़ी शर्मसार कर देने वाली घटना से कम नहीं था। क्योंकि एक जिलाधिकारी द्वारा इस तरह से हल्का व्यवहार करना और पद के नशे में चूर होकर हर किसी पर भी हाथ उठा देना किसी बड़ी अपरिपक्वता से कम नहीं लगा।

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में वो एक शादी हॉल पर छापेमारी कर रहे हैं, जहां कोरोना के नियमों की अनदेखी की जा रही है। इस वीडियो में जिलाधिकारी शैलेश यादव काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं और हॉल में मौजूद पुलिसकर्मियों को डांट लगा रहे हैं। हालांकि वीडियो के वायरल होने और मुख्यमंत्री की दखलअंदाजी के बाद डीएम को सस्पेंड कर दिया गया है।

माना जा रहा है कि गुंडागर्दी का सीन क्रिएट करने के बजाए बिना इसके भी काम चल सकता था। इससे पहले पांच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों ने मंगलवार को पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी, जिन्होंने अगरतला में दो शादी समारोहों को जबरन बंद कर दिया, उनका व्यवहार "अपमानजनक" था।

विधायकों ने डीएम शैलेश कुमार यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने शादी समारोह में ने दूल्हा और दुल्हन के साथ मारपीट भी की और आमंत्रितों के साथ "दुर्व्यवहार" किया।

सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने भी डीएम के इस कृत्य की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से वीडियो में एक पंडित को बिना बात के घुसते ही थप्पड़ मारा जा रहा है और खाना खाते हुए लोगों को डंडे मार मार कर उठाया जा रहा है। उनके मुंह से अन्न छीना जा रहा है। यह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है और ऐसे व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारी या जिलाधीश पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं।

शैलेश कुमार यादव ने बाद में अपने कार्यों के लिए माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने जो किया वह केवल "लोगों के हित और भलाई के लिए" था। शैलेश कुमार यादव पर आरोप है कि नाइट कर्फ्यू के दौरान नियमों के तहत शादी समारोह हो रहा था जिसे डीएम ने बीच में ही बंद करवा दिया और लोगों के साथ बहुत गलत व्यवहार किया। जबकि डीएम पहले ही सचेत और सतर्क रहते तो इस तरह का आयोजन हो ही नहीं पाता। लेकिन उनकी मॉनिटरिंग की कमी और लापरवाही के चलते ही इस तरह से आयोजन में भीड़ जुटी, बाद में खुद की गलती छुपाने के लिए डीएम ने इस तरह का व्यवहार मौके पर किया।