पायलट को सीएम नहीं बनाने पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रोकने की चेतावनी देने वाले गुर्जर नेता पर पैनी नजर


जयपुर। दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान पहुंच रही भारत जोड़ो यात्रा को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस को मिलकर तैयारियां करनी चाहिए उस वक्त राजस्थान में नए मुख्यमंत्री की मांग फिर तेजी से उठने लगी है। पायलट खेमा एक बार फिर गहलोत खेमे के खिलाफ मुखर होकर बोल रहा है। हालांकि दोनों ही नेता राजनीतिक परिपक्वता का उदाहरण पेश कर रहे हैं लेकिन विवाद इस बार थोड़ा ज्यादा बढ़ सकता है। क्योंकि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने अब पायलट की पैरवी की है। हाल ही में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की चेतावनी दी थी। वह अब भी अपने बयान पर अडिग हैं। और उन्होंने मंगलवार को गुर्जर सीएम बनाए जाने की बात कही।

बैंसला का कहना था कि गुर्जर समाज ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिए थे, हमें एमएलए नहीं, मुख्यमंत्री चाहिए। बैंसला ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि 3 दिसंबर को राहुल गांधी पायलट को मुख्यमंत्री बनाकर उनके साथ राजस्थान आएं। ऐसा हुआ तो पूरा समाज उनका स्वागत करेगा, नहीं तो वह फिर हमारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहे।

अगर, हमें जवाब नहीं मिले तो विरोध निश्चित है। ऐसे में अब राजस्थान सरकार और पुलिस खुफिया तंत्र विजय बैंसला के हर मूवमेंट पर नजर रख रहा है। राजस्थान सरकार नहीं चाहती कि किसी भी तरह का विवाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हो। बल्कि कांग्रेस के लिए यह वो वक्त है जब एकजुटता का प्रदर्शन कर कांग्रेस सरकार को फिर राजस्थान में सत्ता में लाने के कड़वे सपने को सच किया जा सकता है। लेकिन बिना गहलोत और पायलट की जोड़ी के ऐसा संभव नहीं है।

इस बीच बैंसला का यह कहना कि अब समय आ चुका है। बनाना है तो बनाएं नहीं तो सीधे तौर पर मना कर दें। हम चार साल से इंतजार कर रहे हैं और कब तक करेंगे। आठ गुर्जर विधायक हैं किसी को भी सीएम बना दो। यह कांग्रेस सरकार के सामने एक अजब स्थिति है। बता दें कि विजय बैंसला मंगलवार को दौसा जिले में थे। जहां उन्होंने एक होटल में गुर्जर समाज के लोगों से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि सरकार के पास 2019 और 2020 का समझौता अटका हुआ है। जिसे पूरा नहीं किया जा रहा है। युवाओं को राहुल गांधी से धोखा मिला, हमारे युवाओं ने एक जुट होकर भाजपा के 13 गुर्जर विधायकों को निपटा दिया लेकिन समाज को क्या मिला, अब हमें सिर्फ तीन दिसंबर का इंतजार है। अब सरकार का टॉप शॉट तो राहुल गांधी ही हैं, ऐसे भी सरकार ने हमारा काम नहीं किया तो हम उनका रास्ता रोकेंगे। मैं पीपलखेड़ा.पाटोली की पावन धरा से राहुल गांधी से एक सवाल पूछना चाहता हूं कि आप कब राजस्थान में एक गुर्जर को मुख्यमंत्री बनाएंगे। मुख्यमंत्री का विरोध करने के सवाल पर बैंसला ने कहा जब हम पटरी पर बैठे थे तब अशोक गहलोत की सरकार थी। वह सब करने के बाद समझौता हो गया थाए लेकिन अब अशोक गहलोत हमारी सुन नहीं रहे हैं तो फिर क्या मैं फिर से पटरी पर बैठूंगा। छोटे से समझौते के लिए मैं लोगों को परेशान नहीं करूंगा। बहरहाल बैंसला के इस बयान के पीछे की असली सियासत क्या है, सब अपने अपने स्तर पर इसके समीकरणों में गुणा भाग कर रहे हैं। लेकिन हकीकत क्या है यह आने वाला समय ही बता पाएगा। फिलहाल विजय बैंसला पर सरकार और प्रशासन की पैनी नजर है।