PM पहले फ्रंटफुट पर खेले, लेकिन अब बैकफुट पर. भारत में लॉकडाउन फेल: राहुल गांधी


नई दिल्ली. कोरोना महामारी के इस दौर में राहुल गांधी ने मंगलवार को चौथी प्रैस कांफ्रेंस की. और पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खुलकर हमला करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरीक़े से आगे आकर देश को सम्बोधित करते हैं उन्हें फिर आगे आना चाहिए और देश को बताना चाहिए लॉकडाउन फेल हो गया है, और अब सरकार आगे क्या कदम उठाने वाली है. PM पहले फ्रंटफुट पर खेले, लेकिन अब बैकफुट पर हैं.'

राहुल ने इस दौरान देश में लागू किए गए लागू डाउन पर सवाल उठाते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया. वीडियो कांफ्रेंस के मार्फत मुखातिब होते हुए राहुल गांधी ने बेरोजगारों और प्रवासियों का मुद्दा फिर उठाया.

 

राहुल की बड़ी बातें:

 

1- हम विपक्ष में है और हमारा काम सरकार को चेताना है, जो काम मैं पहले कर रहा था वही आज भी कर रहा हूं. हमारा काम है सरकार को विफलताओं के बारे में बताना है.

2- सरकार को लगता है कि अगर हमने गरीब और मज़दूरों को पैसे दे दिए तो विदेशों में हमारी रेटिंग ख़राब हो जाएगी लेकिन आज हमें अपने लोगों के बारे में सोचने की ज़रूरत है, विदेश की बाद में सोचेंगे.

3- भारत ऐसा पहला देश है, जहां कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं और लॉकडाउन ख़त्म हो रहा है, जिस उद्देश्य के साथ लॉकडाउन किया गया उसमें हम पूरी तरह से विफल हो गए हैं. सरकार को अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए और आगे वो कोरोना से कैसे लड़ेंगे इसके बारे में देश को जानकारी देनी चाहिए.

4- सरकार कहती है कि GDP का 10% पैकेज के रूप में दिया है मगर असल में 1 पर्सेंट ही मिला है.

5- मजदूरों से मुलाकात के मुद्दे पर राहुल बोले 'जब मैं उनसे मिला तो कुछ ने कहा कि हमारा भरोसा टूट गया है. मुझे किसी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं, चाहे अमीर हो या गरीब हो. सरकार अभी भी उनकी मदद कर सकती है.

6- लॉकडाउन का मकसद है कि हम 21 दिन में कोरोना को हरा देंगे. चौथा लॉकडाउन खत्‍म होने को आ गया मगर बीमारी बढ़ती जा रही है. अब 60 दिन बाद हमारे देश में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है और लॉकडाउन को हटाया जा रहा है. लॉकडाउन का मकसद पूरी तरह से फेल हो गया है.

7- जब तक कोरोना की लड़ाई में राज्‍यों के पीछे केंद्र सरकार खड़ी नहीं होगी तब तक वे कोरोना से नहीं लड़ पाएंगे.

8- बेरोजगारी की समस्‍या कोरोना के कारण नहीं आई है, यह समस्या पहले से ही चली आ रही थी. अब इस पूरी समस्‍या में एक नया एलिमेंट और जुड़ गया है. कारोबार बंद हो गए हैं. कई सारे छोटे उद्योग बंद होने जा रहे हैं. अगर हम छोटे उद्योगों को पैसा नहीं देंगे तो ये आत्‍मघाती होगा.

9- हिंदुस्‍तान की इमेज बाहर नहीं बनती, हिंदुस्‍तान के अंदर बनती है. हिंदुस्तान की शक्ति की रक्षा करने की जरूरत है. इसके लिए 50 फीसदी लोगों को डायरेक्ट कैश देना होगा. महीने का साढ़े सात हजार रुपये देना होगा.

10- जितनी ज्यादा कनेक्टटेड जगह हैं, वहां कोरोना होता है. मुंबई-दिल्ली में इसलिए अधिक मामले हैं, हम महाराष्ट्र में सरकार को समर्थन कर रहे हैं लेकिन फैसला लेने की क्षमता में नहीं हैं. हम पंजाब-छत्तीसगढ़-राजस्थान में फैसला लेने की क्षमता में हैं, लेकिन महाराष्ट्र को भी केंद्र सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए. हम सिर्फ केंद्र सरकार को सुझाव दे सकते हैं, लेकिन सरकार को क्या मानना है वो उनके ऊपर ही है.