दिल्ली में मेयर चुनाव से पहले आप और भाजपा पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की, हाथापाई


नई दिल्ली। दिल्ली में एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया हंगामे की वजह से शुरू नहीं हो पाई। चार घंटे चले हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। शुक्रवार सुबह 11 बजे पार्षदों का शपथ ग्रहण शुरू होना था। प्रोटेम स्पीकर ने सबसे पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलानी शुरू की, तो आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। इनका कहना था कि मनोनीत सदस्यों की शपथ पहले नहीं होती है, लेकिन भाजपा परंपरा बदल रही है। आप पार्षदों के विरोध के बाद भाजपा पार्षद भी इनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई होने लगी। आम आदमी पार्टी के पार्षद प्रोटेम स्पीकर के आसन पर चढ़ गए। इस दौरान कुछ पार्षद कुर्सी उठाकर पटकते देखे गए। कुछ धक्का लगने से नीचे गिर गए। कुछ को चोटें आईं। माना जा रहा है कि मेयर चुनाव टल सकता है। आप ने इस मुद्दे पर कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि एलजी ने मेयर चुनाव के लिए भाजपा पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव रखा था। सत्या के नाम पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर सत्या ने जैसे ही एलजी के मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलानी शुरू की तो आम आदमी पार्टी ने विरोध और नारेबाजी शुरू कर दी।  इधर, भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को नियमों की जानकारी नहीं है, इसलिए वे हंगामा कर रहे हैं। जब वे बहुमत में हैं, तो डरते क्यों हैं? यही काम आप सांसद राज्यसभा में भी करते हैं।
उधर, कांग्रेस ने मेयर चुनाव में शामिल नहीं होने का फैसला किया। आप विधायक आतिशी ने चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। मेयर के चुनाव में 273 मेंबर्स वोट डालेंगे। बहुमत के लिए 133 का आंकड़ा चाहिए। आप के पास 150 तो भाजपा के पास 113 वोट हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के ऑफिस की तरफ से एक बयान आया। इसमें कहा गया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन 1957 एक्ट के तहत 10 लोगों को मनोनीत किया गया है। इस एक्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का अनुभव या ज्ञान हो, उन्हें एलजी नॉमिनेट कर सकते हैं। इनकी उम्र 25 साल से ज्यादा होनी चाहिए। ये सदस्य मेयर या डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट नहीं डाल सकते।