बिना ईश जिज्ञासा के सब उपलब्धियां क्षणिक और नाशवान: स्वामी श्री राजेंद्र दास जी महाराज


श्रीकृष्ण—बलराम गो—आराधन महोत्सव-2025 का चतुर्थ दिवस
श्रीजड़खोर गोधाम में स्वामी श्री राजेंद्र दास जी महाराज की कथा


सीकर/ डीग। भगवत महिमा के रस के बिना, मोक्ष देने वाला ज्ञान भी त्याज्य है। स्वामी श्री राजेंद्र दास जी महाराज ने यह उपदेश श्रीजड़खोर गोधाम में भागवत कथा के चतुर्थ दिन एकत्रित श्रद्धालुओं को दिए। उन्होंने कहा कि भगवन रस के बिना ज्ञान निष्काम है, बिना ईश जिज्ञासा के सब  उपलब्धियां क्षणिक हैं, नाशवान है, क्योंकि कर्म स्वयं मूल में ही सदोष है। कर्म नाशवान है, इसलिए उसका फल भी नाशवान होता है।  ईश्वर को कर्म का समर्पण ही अविनाशी फल देता है। स्वर्ग प्राप्ति के पश्चात भी स्वधर्म के फल भोग के आत्मा को पुनः जन्म मृत्यु के चक्र में आना होता है, परन्तु गोविन्द शरण में जाने के बाद पुनः नहीं लौटना पड़ता। उन्होंने कहा की ईश्वर को समर्पित व्यक्ति को हर क्षण ईश्वर के ध्यान में रहने का प्रयास किया जाना चाहिए। कथा के दौरा उन्होंने अहंकारी जीवन को एक अच्छी बनी हुई खीर में मिट्टी का तेल मिलाने जैसा बताया और कहा कि अहंकार नहीं करना चाहिए। स्वयं को दूसरों से अधिक महत्वपूर्ण आंकने का भाव अहंकार कहलाता है। इससे बचना चाहिए वरना जीवन का नाश निश्चित है, भक्ति भाव में अहंकारी व्यक्ति का कभी कम नहीं लग सकता। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कौओं को झूठन फैंके जाने वाला स्थान अपवित्र होता है ठीक उसी तरह जिस पुस्तक, पोथी में भागवान का यश नहीं वो बेकार है।  

गौरतलब है कि श्रीरैवासा धाम के अग्रपीठाधीश्वर और वृदावन के मलूकपीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेंद्र दास जी महाराज द्वारा इस नवरात्र में श्रीजड़खोर गोधाम में एक महा गो—आराधन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस श्री कृष्ण बलराम गो आराधन महोत्सव में देश के विभिन्न प्रांतो से सैंकड़ों साधु संत और हजारों गृहस्थ श्रद्धालु एकत्रित हुए हैं। 1 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन में श्रद्धालुओं को गो सेवा के साथ नित्य श्रीमद्भागवत पाठ और सहस्त्रचंडी यज्ञ का में यज्ञाहुति दे रहे हैं। वहीं यहां एकत्रित साधु महात्माओं द्वारा गो संरक्षण और सनातन के उत्थान के लिए गहन चिंतन किया जा रहा है।  

राजस्थान के डीग स्थित श्रीजड़खोर गोधाम में हज़ारो गायों का आश्रय स्थल है, जहां करीब 90 फीसदी से अधिक ऐसा गो वंश है जिन्हे गोकशी से बचाया गया है। इनके साथ ही यहां देसी नस्ल की उन्नत गायों का संरक्षण और शोध कार्य भी हो रहा है। स्वामी श्री राजेंद्र दास जी की प्रेरणा से यह गोधाम एक मॉडल गो आश्रय केन्द्र है जिसमें न सिर्फ उपस्थित गायों की देखभाल हो रही है बल्कि आस पास के कई गांवों में भी गो कल्याण के कार्य किये जा रहे हैं। इन प्रयासों से बृजमण्डल में गो पालन करने वालों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है।  श्री कृष्ण—बलराम गो—आराधन महोत्सव के माध्यम से श्रीजड़खोर गोधाम गाय के प्रति सनातन समाज की श्रद्धा को एक उत्सव के रूप में बढ़ावा दे रहा है। वहीं गो संरक्षण के प्रति भी चेतना उत्पन्न कर रहा है। इसके साथ ही यह महोत्सव संतो के समागम से समाज को सनातन और गो संस्कृति के रक्षार्थ जागृत किया जा रहा है। 

गुरूवार की सांध्यकालीन भजन संध्या में पूज्य श्रीविपिन बिहारी दास जी महाराज, श्रीजटेरी धाम द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए। शुक्रवार की शाम भजन संध्या में साध्वी पूर्णिमा दीदी द्वारा भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।